भोजपुरी मंथन

मोहि न भावै नैहरवा ससुरबा जइबों हो / दरिया साहेब

मोहि न भावै नैहरवा ससुरबा जइबों हो / दरिया साहेब

मोहि न भावै नैहरवा ससुरबा जइबों हो।।
नैहर के लोगवा बड़ अरिआर। पिया के बचन सुनि लागेला बिकार।।
पिया एक डोलिया दिहल भेजाय। पाँच पचीस तेहि लागेला कहाँर।।
नैहरा में सुख दुख सहलों बहुत। सासुर में सुनलों खसम मजगूत।।
नैहर में बारी भोली ससुरा दुलार। सत के सेनुरा अमर भतार।।
कहे दरिया धन भाग सोहाग। पिया केरि सेजिया मिल बड़ भाग।।

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