भोजपुरी मंथन

संत से अंतर ना हो नारद जी, संत से अंतर ना / टेकमन राम

संत से अंतर ना हो नारद जी, संत से अंतर ना।। टेक।।
भजन करे से बेटा हमारा, ग्यान पढ़े से नाती,
रहनी रहे से गुरु हमारा, हम रहनी के साथी।
संत जेवेके तबहीं मैं जेइलें, संत सोए हम जागी,
जिन मोरा संत के निन्दा कइले, ताही काल होइ लागी।
किरतनिया से बीस रहीले, नेहुआ से हम तीस,
भजनानन्द का हिरदा में रहिले, संत का घर शीश।
संतन मोरा अदल सरीरा, हम संतन के जीव,
सब संतन से हम रमि जहीले, जइसे मखन के घीव,
श्री टेकमन महाराज भीखम स्वामी, जइसे मखन के घीव।।

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