फन कढ़ले पुरवइया डोले फागुन साँप भइल।छनके लागल प्रान कि उलटा साँस भइल।।गाँव-नगरिया बाग-बगइचा सगरो लहर समाइल,ओठवा से मधुआ रस टपके भितरी जहर घोराइल,सरधा के कोमल पतइन के हियरा काँप गइल। फन…. फूलन के बेमार देख के भँवरा भिनके लागलतितिकी…
कहवा बाड़ ू शारद माईदेतू आपनझलक देखाई घट में हो जाइत उजियारपराइत पल में मोह अन्हार सूझित सहजे भाव अपाररचना होइत रस के धार तोहरी चरन कमल परि जाईकहवाँ बाँड़ ू शारद माई adminbhojpurimanthan.com/
राउर हाथी के मुँह एकजनावे एक से भइल अनेक रउआँ पहिलो पूज्य इकाईएसे पहिले माथ नवाई देवता दया जो होइत आजपल में पूरा होइत काज राखीं अनुरागी के टेकराउर हाथी के मुँह एक adminbhojpurimanthan.com/
नया जुग बा संचय लोलुपलोकतंत्र बधिरपूंजीवाद अधीर। खूब बढ़ल आजु संसाधनटेक्नोलॉजी भरपूरदरकत लोकतंत्र के खंभासब केहू के कसूरधन कुबेर राजनीति प हाबीसमय के तासीरपूंजीवाद अधीर। बाजारवाद के राहि में बनललोकतंत्र बा रोड़ाकाबू पावे खातिर ओह परअधिनायक के कोड़ाआज्ञापालक परजा चाहींतानाशाह…
डोलि गइल पतइन के पात-पात मन,जब से छु गइल पवन पाँव के अलम नाहींबाँह बे-सहारा,प्रान एक तिनिका परटंगि गइल बेचारा,लागि गइल अइसे में बाह रे लगन रचि गइल सिंगारसरुज-चान आसमान,जिनगी के गीत लिखेरात भर बिहान,बाँचि गइल अनजाने में बेकल नयन।…
नेहा बरसलधरती जागलजागल जन के आशागावत हँसत किरिनिया आइलभागल सघन निराशानेहा बरसल, धरती जागलआसमान सेझरल बदरवा जानऽइन्द्रदेव केफटल कलसवा मानऽमाटी केहरवाहा मचले जानऽमन में भरल हुलासानेहा बरसल, धरती जागलमन के पट परसपना जनमल जानऽरंग-रंग केरूप खिलल पहिचानचक भाग केब पलटाइल…
आवा लइको तोहे देखाई बेईमानी बे-ईमान क, नेता जी से सुसूक रहल जनता हिन्दुस्तान क॥ बड़-२ नेता बा ढुकल घोटालन के थरिया में, जनता भुईयां छछनत बा ई घुमे लो करिया में। देश-धरम क चिंता ना फिकिर बा सन्तान क,…
ना जाने जे अँखिया में केतना ले लोर बा।। प्यारी-प्यादी अँखिया में कारी-कारी पुतरीपलक का खोंता जइसे झाँकेली कबूतरीजेतने छलके भरि-भरि आव ओतनेना जाने नयनवाँ में केतना हिलोर बा।। नन्हीं मुटी जियरा के केतना अहेरियाकरेले अहेरि भैया दिन-दुपहरियासहत-सहत वार थाकली…