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ना आइल

adminSep 14, 20241 min read

ठकुरसुहाती अबले भइया, हमरा गावे ना आइल ।खुद कबहूँ, हंसनी ना त, दोसरो के हँसावे ना आइल।। सोचते रहि गइनी,जिनिगी के,रस से सराबोर कई दीं ।हो गइनी नीरस काहें, अतनो त बतावे ना आइल ।। कई बेरि सोचनीं, कि चोटी,…

धुआँ भरल आसमान/ शिवजी पाण्डेय ‘रसराज’

adminOct 1, 20241 min read

बा धुआँ से भरल आसमान ।साँस बा टँगाइल, परान बे परान! खोजत बसेर बिया, छोटकी चिरइया,फेड़ रूख लउके ना, धरती प’ भइया,जाई कहवाँ कि पाई धरान! संतति के चाल देखि, काँपि गइलि धरती,हरियर, हरियर रहे, होइ गइलि परती,दुनिया लागेला जइसे…

चना / निलय उपाध्याय

adminSep 22, 20241 min read

बनिया-बोरा के छल्ली लगाई आइन्तजार करीकि बढ़ि जाय चना के भाव।भड़भूँजा भूँजीआ बड़बड़ाई-चना के छपन सवाद।आदमी जइसनमुकमिल दुनिया होले चना केजे महसूस करी, ले आईखेत मेंठीक नाक के जरि, जहाँ टेढ़ रहेखुली दुआरअरे बाप!अतना बड़हन घरइहवाँ त पूरा उमिरगँवावल जा…

गौरैया / केशव मोहन पाण्डेय

adminSep 19, 20241 min read

जइसे दूध-दही ढोवेसबके सेहत के चिंता करे वालागाँव के ग्वालिन हऽगौरैयाएक-एक फूल के चिन्हें वालामालिन हऽ।अँचरा के खोंइछा हऽविदाई के बयना हऽअधर के मुस्कान हऽलोर भरल नैना हऽ।चूड़िहारिन जससबके घर के खबर राखेलेडेहरी भरी कि नाऽखेतवे देख केअनाज के आवग…

सपने में सखी साजन अईले/ कन्हैया प्रसाद तिवारी

adminSep 26, 20241 min read

सपने में सखी साजन अईलें, हमसे प्यार जतवलेंगोदी में बईठा के हमके, हँसि-हँसिके बतिअवलें॥ खुलल आँख त सेज बा सून, तूरलें प्यार के डोरीदिल में धधके आग हमरा, मतिया के भरमवलें॥ लोर आँख से सूखत नईखे आँचर से लाज पोंछत…

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सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

adminOct 4, 20241 min read

सखी, हमरो बलम,कारखाना में काम करेलन । कारखाना जाइ के लोहा बनावेलन,लोहा बनाई देश आगे बढ़ावेलन,देश के खातिर पसीना बहावेलन,देशवा के खातिर जीवन अपरन ।सखी, हमरो बलम | कन्हियाँ पर हल लेई तोहरो सजनवाँ,अन्न उपजाव, भइले गाँव के किसनवाँ,हरवा कुदरिया…

सामयिक रचना/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

सामयिक रचना/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

adminOct 4, 20241 min read

संसद पर कइलसजवन आतंकी चढ़ाई,ओकरो के देशवा मेंफाँसी ना दिआई ।सुरसा के मुँह असबढ़ता महंगाई,नंगा निचोड़ी काका ऊ नहाई ?सामाजिक समरसता केदेके दुहाई,आरक्षन के नाम परहोत बा लड़ाई ।पेट्रोल डीजल महंगा भइलेमहंगा भइल ढोआई,सब्जी-भाव आकास छूएका कोई खाई ?